अस्पताल प्रबंधन की सक्रियता से लावारिश नवजात को मिला जीवनदान

  • अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में देर रात लावारिश अवस्था ने पड़ी मिली नवजात बच्ची
  • कानूनी प्रक्रिया के तहत लावारिश बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपने की हो रही पहल

अररिया, 02 अप्रैल। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सोमवार की रात एक नवजात बच्ची लावारिस अवस्था में पड़ी मिली। बच्ची ठंड से कांप रही थी। उसकी सेहत बिल्कुल खराब थी। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अकेले वो जिंदगी व मौत से जूझ रही थी। अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना मिलते ही पूरा स्वास्थ्य महकमा लावारिस बीमार बच्ची की जान बचाने के लिये सक्रिय हो उठा। अस्पताल प्रबंधन द्वारा तत्काल बच्ची को जरूरी इलाज के लिये एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात पीडियाट्रिक विभाग के चिकित्सक डॉ राजेश द्वारा बच्चे की समुचित जांच की गयी। लावारिश अवस्था में बच्ची के मिलने की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप तत्काल एसएनसीयू पहुंचे। चिकित्सकों से जरूरी पूछताछ के बाद उन्होंने बच्ची के सेहत की जांच की व स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को बच्ची की सेहत से संबंधित जरूरी सुझाव दिया। देर रात तक स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की देखरेख में बच्ची का इलाज चलता रहा। अहले सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अली हसन अस्पताल पहुंच कर समुचित जांच के उपरांत बच्ची को पूरी तरह स्वस्थ बताया। यह सुनकर स्वास्थ्य कर्मियों के चेहरे गर्व वो आत्म संतोष की भावना से खिल उठा। सिविल सर्जन द्वारा बच्ची के लिये कपड़ा, दूध, बेबी किट सहित अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया। जानकारी मुताबिक लावारिश बच्ची को प्रशासनिक स्तर से दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपने की पहल की जा रही है।

समय पर इलाज शुरू होने से बचाई जा सकी बच्ची की जान

बच्ची का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ राजेश व डॉ अली हसन ने बताया कि बच्ची की सेहत बेहद नाजुक थी। समय पर उसका इलाज नहीं हुआ होता तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से उसकी जान बचाई जा सकी। अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि सोमवार को रात अस्पताल कर्मियों को इमरजेंसी वार्ड के पास एक नवजात बच्ची रोती हुई मिली। सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो उठा। बच्ची को देखकर यह स्पष्ट था कि जन्म के तत्काल बाद अस्पताल में लावारिश अवस्था में छोड़ दिया गया था। बच्ची की हालत बेहद नाजुक थी। इसकी सूचना सिविल सर्जन सहित विशेषज्ञ चिकित्सकों को दी गयी। सही समय पर इलाज शुरू हो जाने से बच्ची की जान बचाई जा सकी।

अस्पताल प्रशासन की संवेदनशीलता प्रशंसनीय

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि आमतौर पर लावारिश बच्चों के मामले में विभिन्न स्तरों पर लापरवाही देखी जाती है। लेकिन इस मामले में सदर अस्पताल प्रशासन की तत्परता, सक्रियता व संवेदनशीलता बखूबी उजागर हुआ है। इसके लिये अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित अन्य अधिकारी व कर्मी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि समुचित इलाज के बाद बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गयी है। कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को दत्तक ग्रहण संस्थान को सौंपने की पहल की जा रही है। जहां बच्ची को एक सुरक्षित भविष्य मिल सकेगा।

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